बढ़ रहा है पीयर टू पीयर लेंडिंग का ट्रेंड
जिन लोगों को बैंकों या एनबीएफसी से लोन नहीं मिलता, उनके लिए पीयर टू पीयर लेंडिंग या पीटूपी कर्ज एक अच्छे विकल्प की तरह सामने आया है। पीटूपी कर्ज में आपको कर्ज देने के लिए कोई व्यक्ति या समूह आगे आता है। आसान शब्दों में कहें तो इसका मतलब ये है कि जरूरत पड़ने पर कुछ लोग या समूह एक दूसरे को कर्ज देते हैं और ये सब होता है ऑनलाइन।
पीयर टू पीयर लेंडिंग बैंकिंग का नया तरीका है, जिसका हिस्सा हर कोई बन सकता है। हालांकि भारत में अभी ये शुरुआती चरण में है और आज करीब 30 कंपनियां पीयर टू पीयर लेंडिंग में उतर चुकी हैं। जानकारों के मुताबिक आने वालों 5-6 सालों में ये कंपनियां 500 करोड़ रुपये तक का कर्ज लोगों को दे रही होंगी। ये निजी जरूरतों के लिए 30000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का और कारोबार के लिये 15 लाख रुपये तक का लोन देती हैं। इनकी शर्तें आसान होने की वजह से कई लोग बैंकों और एनबीएफसी के बजाय पीयर टू पीयर लेंडिंग कंपनियों के पास जा रहे हैं।
जानकारों के मुताबिक पीयर टू पीयर लेंडिंग कर्ज लेने वालों के लिये एक अच्छा विकल्प है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान भी जरूर रखना चाहिए। पीयर टू पीयर लेंडिंग फाइनेंशियल इनक्लूजन की दिशा में भी बड़ी भूमिका निभा सकता है, क्योंकि इसके तहत उन लोगों को भी कर्ज दिया जाता है, जो आम बैंकिंग चैनल के जरिए कर्ज नहीं ले पाते। इसकी अहमियत को देखते हुए ही आरबीआई पीयर टू पीयर लेंडिंग कंपनियों को एनबीएफसी के तौर पर रजिस्टर करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
http://hindi.moneycontrol.com/mccode/news/article.php?id=144416
Related Articles
-
Lenders of the e-kind
May 31, 2016
-
P2P has great potential but too early to compare with equities
Sep 05, 2018
-
Faircent introduces a semi-secure personal loans for students
Jun 14, 2017